उत्तराखंड में क्वारंटाइन रखे गए जमातियों से फिर होगी पूछताछ
डीजी लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार ने सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया है कि क्वारंटाइन में रखे गए जमातियों से एक बार फिर पूछताछ करें।
देहरादून, जेएनएन। करीब डेढ़ हजार जमातियों की पहचान के बाद पांच दिन तक कोरोना संक्रमण का कोई नया मामला सामने न आने से अधिकारियों के साथ आमजन भी राहत महसूस कर रहे थे। लेकिन, सोमवार को हरिद्वार में पकड़े गए अहमदाबाद से लौटे जमाती ने शासन की चिंता बढ़ा दी है। इसकी वाजिब वजह भी है। इतने दिन तक इस जमाती के छिपे रहने से साफ है कि अब भी दूसरे राज्यों से लौटे कई जमाती पुलिस-प्रशासन के सामने आने से बच रहे हैं। चिंता की दूसरी वजह वो लोग हैं, जो इस जमाती के उत्तराखंड लौटने के बाद उसके संपर्क में आए होंगे।
अगर यह जमाती कोरोना संक्रमित निकला तो उसकी कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग पुलिस-प्रसाशन के लिए किसी मुसीबत से कम नहीं होगी। ऐसे में पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया है कि क्वारंटाइन में रखे गए जमातियों से एक बार फिर पूछताछ करें।
प्रदेश में अब तक 1427 जमातियों की पहचान की जा चुकी है। इनमें से 798 को संस्थागत और शेष को होम क्वारंटाइन किया गया है। इसके अतिरिक्त प्रदेश के 268 जमाती दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना आदि राज्यों में क्वरांटाइन में रखे गए हैं। वहीं, कई जमातियों का अब भी अता-पता नहीं है। ऐसा ही एक जमाती सोमवार को हरिद्वार में पकड़ा गया। वह 30 मार्च को अहमदाबाद से लौटे 16 जमातियों के दल में शामिल था। उसके 15 साथियों को उसी समय क्वारंटाइन में भेज दिया गया, लेकिन यह जमाती छिपा रहा। इसकी जानकारी पुलिस को अपने मुखबिर तंत्र से हुई।
तब जाकर उसे पकड़ा गया। इस वाकये ने पुलिस को जमातियों की नए सिरे से तलाश करने पर भी सोचने को विवश कर दिया है। पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार का कहना है कि चिह्नित जमातियों से पूछताछ करने के साथ उन राज्यों की पुलिस से भी जानकारी जुटाई जा रही है, जहां वह सभी गए थे।
बोले अधिकारी
अशोक कुमार (पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था) का कहना है कि उत्तराखंड में आए और यहां से बाहर गए अधिकांश जमातियों को ट्रेस कर क्वारंटाइन किया जा चुका है। अहमदाबाद के जमाती के मामले को देखते हुए जमातियों से दोबारा पूछताछ करने और मुखबिर तंत्र को सक्रिय करने का निर्देश दिया गया है।
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जमातियों से मिलने वालों के मोबाइल बंद, मुखबिर सक्रिय
पुलिस सूत्रों की मानें तो जमातियों के संपर्क में आने वाले कई लोगों ने अपने मोबाइल बंद कर लिए हैं। इस वजह से उनकी लोकेशन भी ट्रेस नहीं हो पा रही। हालांकि, इन नंबरों पर किन-किन लोगों से बात हुई, इसका ब्योरा मिल गया है। लेकिन, उनकी तलाश में तकनीकी दिक्कत आ रही है। ऐसे में मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया गया है, जो छिपकर रह रहे जमातियों के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं। इसी मुखबिर तंत्र के जरिये सोमवार को जमाती की खबर मिली।